Tuesday, November 16, 2010

सूरज क्यों निकलता है

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अभिव्यक्ति पर मेरी कहानी '' सूरज क्यों निकलता है " पढ़ें |

 http://abhivyakti-hindi.org/

गर्भनाल के नवम्बर अंक में बी.बी.सी के हिंदी विभाग की 

पूर्व अध्यक्ष एवं साहित्यकार अचला शर्मा से मेरी बातचीत पढ़ें |
 

लिंक है --    www.garbhanal.com


'' कथाबिम्ब'' पत्रिका के जुलाई -सितम्बर अंक 2010  में आप मेरी 

कहानी '' फन्दा क्यों..'' पढ़ें | 
 

लिंक है --    http://www.kathabimb.com/ 

Saturday, November 13, 2010

आप के साथ कुछ साँझा करना चाहती हूँ .....

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गर्भनाल के नवम्बर अंक में बी.बी.सी के हिंदी विभाग की 

पूर्व अध्यक्ष एवं साहित्यकार अचला शर्मा से मेरी बातचीत पढ़ें |
 

लिंक है --    www.garbhanal.com








'' कथाबिम्ब'' पत्रिका के जुलाई -सितम्बर अंक 2010  में आप मेरी 

कहानी '' फन्दा क्यों..'' पढ़ें | 
 

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Friday, November 5, 2010

अद्भुत कृति हूँ मैं

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कुम्हार की
अद्भुत कृति हूँ मैं,
उसी माटी से
उसने मुझे घड़ा है,
जिस माटी में एक दिन
सब को मिट जाना है |

नन्हें से दीप का आकार दे
आँच में तपा कर
तैयार किया है मुझे
अँधेरे को भगाने |

फिर छोड़ दिया
भरे पूरे संसार में
जलने औ' जग रौशन करने |

हूँ तो नन्हा दीया
हर दीपावली पर जलता हूँ |
निस्वार्थ, त्याग, बलिदान
का पाठ पढ़ाता हूँ |
संसार में रौशनी बांटता
मिट जाता हूँ |

सुबह
मेरे आकार को
धो- पौंछ कर
सम्भाल लिया जाता है,
अगले साल जलने के लिए |
शायद यही मेरी नियति है |  


दीपावली की बहुत -बहुत बधाई ..शुभकामनाएँ